Tuesday, September 11, 2018

德国汉堡有条件地批准燃煤电站建设

汉堡市州的环境部长周二说,一备受争议的燃煤电站如果符合一定的条件,她将批准这一项目在该市州的建设。
来自绿党的 说,如果有足够的措施来保护易北河,  公司可在汉堡附近的慕尔堡郊区建设这一电站。
 说:“这对我来说是一个很难的决定,因它不是我支持的气候保护政策做法。但因法律的原因,该电站的建设不能被停止。”
这一电站计划耗资20亿欧元,发电能力设计为1,600兆瓦,将成为德国最大的燃煤电站。汉堡市州的环境部说,它可能需要减少运作强度,每年运行250天。
环保组织和很多德国市民批评这一项目说,已证实和有可能存在的有毒尘埃的释放将危及到鱼类的数量以及对人体健康造成损害。而该项目的支持者说,有2百万人口的汉堡需避免电供给出现短缺。
北京正准备再次启用原本为奥运设立的交通管制办法。对此,分析家认为这是中国政府对公众舆论的一次非同寻常的回应。
北京市居民在网络论坛和对媒体的信件中强烈表达了对奥运交通管制的正面意见。因此,政府已决定保持那些相对宽松的对轿车的管制做法。
这些规定包括限制30%的政府用车以及根据车牌每周禁车一日。这些规定将试行到明年4月,如果有效将成为永久规定。
为了满足国际奥委会的要求,北京在奥运期间禁行了1/3的车辆,约1百万辆。
据《路透社》报道,一波兰官员说,波兰正敦促欧盟在气候政策上达成一致意见,从而让欧盟27国能在联合国的气候会谈上发挥更大的影响。
作为目前欧盟轮值主席国的法国希望在12月波兰举行的联合国气候会议之前欧盟国家达成协议, 从而可来就全球一个新的限排气候框架进行讨论。
波兰和另外前四个共产主义国家还有汽车产业反对欧洲委员会提议的抗击气候变化措施。根据该提议,欧盟到2020年将在1990年的基础上减少1/5的温室气体排放。
欧洲一体化办公室副主任  r  说,对波兰来说,该提议带来的威胁大于机遇。如果想在全球气候变化会议上做出榜样,欧盟首先得要在内部达成一致。
周一发布的一报告指出,欧洲气温的上升快于全球平均速度。这就要求欧洲各国政府采取行动来保护欧洲大陆的山脉,沿海以及地中海和北极地区。
这一报告由欧洲环境署、世界卫生组织和欧洲委员会撰写。它说,就目前气候变化的影响来看,北欧本世纪将变得更加湿润,而地中海地区则将可能变成沙漠。
科学家警告说,到2100年,冰川融化导致的海平面上升并引发的洪灾将对4百万人的生命和价值为2万亿欧元的财产造成威胁。
同工业革命前的水平相比,欧洲的气温已平均上升了1摄氏度,高于全球0.8摄氏度的平均增幅。
科学家说,海洋中的“缺氧死区"的迅速增加会使得沿海鱼类存量更容易崩溃,从而危及到从墨西哥湾到波罗的海的沿海生态系统。
这些死亡区域出现在有藻类的水域。这些藻类吸取水的氧气,依赖自陆地的肥料、垃圾、动物废物和碳燃烧污染物而生长。
发表在美国国家科学院学报上的一研究说,全球低氧海区的面积在以每年5%的速度增加,对依赖沿海捕鱼业生存的千万人的食物供给造成了威胁。
空气的升温将可恶化这一死亡海区问题,因为氧气较少溶解在较温和的海水中。

Wednesday, September 5, 2018

बीबीसी हिंदी डॉट कॉम : नियम व शर्तें

बदरा गांव से विदा लेते हुए ही हमें पड़ोस के संगरूर जिले के खोखर खुर्द गांव में एक 23 साल के किसान की आत्महत्या की ख़बर मिली.
कर्ज़ और बैंक के नोटिसों ने परेशान नमृत पाल ने 14 जून 2018 की रात रेल की पटरी पर लेटकर आत्महत्या कर ली. पीछे दो छोटे बच्चे, पत्नी और बूढ़े माँ-बाप को छोड़ गए नमृत अक्सर उदास रहते और अपनी माँ से कहते, ‘माँ मेरा मरने को जी करता है’. अपनी शादी की तस्वीर में नमृत किसी नौजवान रंगरूट की तरह लगते हैं. अपने पिता के मातम में मासूमियत से चिप्स खाते उनके बच्चे, उनको ‘लाड़ी-लाड़ी’ कहकर पुकारती उनकी पत्नी और दहाड़ें मार मार कर रोती उनकी माँ गुरमीत कौर को देखकर पंजाब की एक स्याह तस्वीर मेरे सीने में धंस गई.
आगे पंजाब छोड़ते हुए हमारी मुलाक़ात ‘भारतीय किसान यूनियन एकता-उगराहन’ नामक स्थानीय किसान संगठन के बैनर तले एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे किसानों से हुई. पीले झंडे लिए जत्थों में चलते हुए ये किसान सरकार की ओर से धान की रोपाई की तय तारीख़ के ख़िलाफ़ अपना विरोध जताने बरनाला शहर जा रहे थे.
मैंने वहां खड़े किसानों से बातचीत में पूछा कि हरित क्रांति की इस धरती पर आज इतने किसान ख़ुदकुशी क्यों कर रहे हैं.
तभी अपने संगठन का झंडा हाथ में पकड़े एक बुज़ुर्ग किसान ने अपना नाम बारह सिंह बताते हुए कहा, “हरित क्रांति से सिर्फ़ बीज कंपनियों, पेस्टीसाइड कंपनियों और ट्रैक्टर बनाने वाली कंपनियों का फ़ायदा हुआ है. हमें महंगे बीज, महंगी खाद बेच गए कंपनी वाले. बड़े ट्रैक्टरों बेच के मुनाफ़ा कमा गई कंपनियां. हमें क्या मिला? सिर्फ़ इन सामनों को ख़रीदने के लिए लिया गया कर्ज़ा.
कभी कीड़ों से तो कभी ओलों से फ़सल ख़राब हो जाती है. सरकार की तरफ़ से कोई मुआवज़ा या लोन माफ़ी नहीं मिलती. हर बार सरकार पंजाब के किसानों के संकट को सिर्फ़ कमेटियों की सिफ़ारिशों में दबा के रख देना चाहती है.
ज़मीन पर मिमिनम सपोर्ट प्राइस पर फ़सल बेचने के लिए भी हमें लड़ाइयां लड़नी पड़ती हैं. ऐसे में किसान आत्महत्या न करे तो और क्या करे”.
जुलाई को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को उनकी मुआवज़ा और राहत नीति पर फटकार लगाते हुए कहा कि मुआवज़ा सिर्फ एक अंतरिम उपाय है. सरकार को बढ़ती किसान आत्महत्यायों के कारणों पर एक हलफनमा दाख़िल करने का आदेश देते हुए अदालत यह भी पूछा की सरकार बढ़ती किसान आत्महत्यायों को रोकया इससे जुड़ी साइटों पर प्रदर्शित सामग्री की कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, डिज़ाइन राइट्स, पेटेंट और दूसरे बौद्धिक संपदा अधिकार बीबीसी के और इसके अन्य लाइसेंसधारकों के पास सुरक्षित हैं. किसी को भी इसके नकल, पुनर्प्रकाशन, सामग्री को अलग-अलग करने, डाउनलोड करने, पोस्ट करने, प्रसारित करने, सार्वजनिक करने का अधिकार नहीं है.
आप   का उपयोग अपने लिए और ग़ैरव्यावसायिक कार्यों के लिए कर सकते हैं. आप इस बात पर समहत हैं कि आप  की सामग्री का उपयोग अपने व्यक्तिगत और ग़ैरव्यावसायिक कार्यों के अलावा किसी भी तरह से नहीं करेंगे जिसमें सामग्री को बदलना या इसके किसी सृजनात्मक सामग्री का उपयोग दूसरी तरह से करना शामिल है.   की किसी भी सामग्री का कोई और उपयोग करने के लिए पहले लिखित अनुमति लेना आवश्यक है.
ने के लिए क्या दीर्घकालिक उपाय कर रही है. फिलहाल सरकार अदालत में प्रस्तुत करने के लिए जवाब तैयार कर रही है पर इस जवाब का असली इंतज़ार तो पंजाब के किसानों को है. प इस बात से सहमत हैं कि आप  का उपयोग सिर्फ़ वैध कार्यों के लिए करेंगे और इसका उपयोग इस तरह से करेंगे कि इससे किसी अन्य के अधिकारों का हनन न होता हो, किसी अन्य को  . देखने और उसका आनंद लेने में बाधा न पहुँच रही हो. इस व्यवहार में किसी को तंग करना, किसी के लिए तनाव पैदा करना, अभद्र या अश्लील सामग्री भेजना या साइट में बाधा पहुँचाना शामिल है.लिखित सामग्री से लेकर तस्वीरों, ऑडियो और वीडियो तक कोई भी सामग्री यदि आप बीबीसी को भेजते हैं या साझा करते हैं तो आप इसका इस बात से सहमत होते हैं कि बीबीसी इसका उपयोग बिना भुगतान किए किसी भी तरह से, दुनिया भर में बीबीसी की किसी भी सेवा में कर सकती है. (जिसमें संशोधन और संपादकीय कार्यों के लिए उपयोग के अनुरुप बनाना शामिल है. विशेष परिस्थितियों में बीबीसी आपकी सामग्री को किसी तीसरी पार्टी को भी दे सकती है.आपकी सामग्री पर आपका कॉपीराइट बना रहेगा और बीबीसी को दिया गया अधिकार एकाधिकार नहीं होगा यानी आप इस सामग्री का उपयोग कहीं भी करते रह सकेंगे और किसी दूसरे को भी उपयोग में लाने की अनुमति दे सकेंगे.
*इस अनुमति के साथ कि बीबीसी आपकी सामग्री का उपयोग कर सकती है आप इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह सामग्री मौलिक है, किसी की अवमानना नहीं करती और किसी भी तरह से ब्रिटिश क़ानूनों का उल्लंघन नहीं करती है. यह भी कि आपके पास इस सामग्री के उपयोग के अधिकार हैं और यदि इस सामग्री में किसी अन्य व्यक्ति को पहचाना जा सकता है तो आपने उससे अनुमति ले ली है और यदि इसमें 16 वर्ष से कम आयु के बच्चे शामिल हैं तो उनके अभिभावकों की अनुमति भी आपके पास है.
*हम आम तौर पर आपकी सामग्री के साथ आपका नाम प्रकाशित करते हैं जब तक कि आप नाम प्रकाशित न करने का अनुरोध न करें. लेकिन तकनीकी कारणों से ऐसा हर बार संभव नहीं होता. आपकी भेजी गई सामग्री के विवरण जानने और प्रशासनिक कारणों और किसी विशेष परियोजना के संबंध में आपसे संपर्क कर सकती है. यह जानने के लिए कि हम आपसे कम और कैसे संपर्क कर सकते हैं, बीबीसी की गोपनीयता नीति पढ़िए और कुछ स्थानीय नियम भी जो वहाँ लागू होते हैं.
*जब आप बीबीसी को भेजने के लिए सामग्री जुटा रहे हों तो कृपया अपने आपको और दूसरों को ख़तरे में मत डालिए, अनावश्यक जोख़िम मत उठाइए या क़ानून मत तोड़िए.
*यदि आप बीबीसी को ये अधिकार देने को सहमत नहीं हैं तो अपनी सामग्री   को मत भेजिए.
*यदि आप समाचार से जुडी कोई सामग्री भेज रहे हैं तो यह याद रखिए कि इसे बीबीसी के अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ साझा किया जाएगा, वे प्रतिष्ठित विदेशी समाचार प्रसारक हैं जिन्हें आपकी सामग्री में परिवर्तन का अधिकार नहीं है और न ही इसे ब्रिटेन के किसी मीडिया हाउस या प्रिंट मीडिया को देने का अधिकार है.
* सामग्री भेजने को लेकर यदि आपके पास कोई सवाल है तो आप बीबीसी यूजीसी के बारे में आमतौर से पूछे जाने वाले सवालों के जवाब पढ़ें.
* के किसी भी सामुदायिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हुए अपनी राय व्यक्त करने के लिए या ब्लॉग में शामिल होने के लिए आपको अपने आपको रजिस्टर करवाना पड़ सकता है. इस प्रक्रिया में या   में किसी और तरह की भागीदारी के दौरान यदि आप अपने बारे में व्यक्तिगत जानकारी प्रदान करते हैं तो इसे बीबीसी की गोपनीयता नीति के तहत सुरक्षित रखा जाएगा.