दनान को तुर्की के एक टीवी चैनल पर धार्मिक प्रवचन देने के लिए जाना
जाता है. हाल ही में उन्हें उनके 160 से ज़्यादा अनुयायियों के साथ
गिरफ़्तार किया गया है.उन पर संगठित अपराध. धोखाधड़ी और यौन उत्पीड़न के आरोप हैं.तुर्की
की सरकारी समाचार एजेंसी अनादोलु के मुताबिक, अदनान को पकड़ने और उनकी
संपत्ति की जांच के लिए तुर्की के पांच राज्यों में एक बड़ा पुलिस ऑपरेशन
चलाया गया था.
यह पहली बार नहीं है जब अदनान क़ानून के शिकंजे में हैं.में उन्होंने इस्तांबुल में एक इस्लामिक संस्था स्थापित की थी. इसके
बाद उनकी दौलत और शोहरत बढ़ती चली गई, लेकिन उनकी आमदनी का असली ज़रिया
ढूंढना बहुत मुश्किल था.इसके बाद से उन्होंने काफ़ी वक़्त जेल में बिताया.साल 2010 में ओक्तार ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि डार्विन आतंकवादियों के बहुत बड़े प्रेरणा स्रोत हैं.
उन्होंने 'हारून याहया' उपनाम से अपनी कई किताबें भी छपवाई हैं.कुछ साल पहले ओक्तार ने अपना एक टीवी चैनल भी लॉन्च किया जहां वो अपनी विचारधारा का प्रचार-प्रसार करते थे.टीवी पर अपने प्रवचनों के दौरान वह अर्धनग्न और मेकअप की हुई लड़कियों से घिरे रहते थे. इन लड़कियों को वो 'किटेन' (बिल्ली के बच्चे) कहते थे.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन लड़कियों का कुछ ऐसे ब्रेनवॉश किया जाता था ताकि वो ख़ुद को ओक्तार का 'सेक्स स्लेव' बना लें.
कई बार उन्हें धमकाया और ब्लैकमेल भी किया जाता था.यह भी कहा जा रहा है कि ओक्तार अपने वफ़ादार अनुयायियों को जवान लड़कियों और अमीर पुरुषों को फंसाने के लिए भेजते थे.ओक्तार अपने शिष्यों को 'लायन' (शेर) कहते थे.
1999 में जब ओक्तार पर लगे आरोपों की जांच होने लगी तो ऐसी ही एक लड़की
ने बताया था कि आपत्तिजनक हालत में उनका वीडियो बना लिया जाता था ताकि अगर
वो ग्रुप छोड़ना चाहें तो उन्हें ब्लैकमेल किया जा सके.
विवादास्पद विचारों के अलावा ओक्तार को उनकी रईसी और शानो-शौक़त वाली ज़िंदगी के लिए जाना जाने लगा.
वो इस्तांबुल के एक शानदार विला में रहते थे और उन्हें अक्सर लड़कियों से घिरा देखा जाता था.
उनकी ऐशो-आराम वाली ज़िंदगी को उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर खुलकर प्रचारित किया जाता था.
उनके अनुयायी भी ग्रुप बनाकर उनके विला के पास ही रहते थे.
तुर्की के पत्रकारों के अनुसार ओक्तार के अनुयायी ही उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को संभालते थे और उनका पूरा कामकाज देखते थे.ओक्तार
रमज़ान के मौके पर कई नेताओं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताक़तवर लोगों को
इस्तांबुल के महंगे होटलों में दावत के लिए बुलाया करते थे.
यहूदियों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे विचार फ़ैलाने के बावजूद ओक्तार के इसराइल से क़रीबी रिश्ते थे.
वो अपने अनुयायियों के साथ इसराइल जाकर वहां के धार्मिक गुरुओं और बड़े नेताओँ से मिलते थे.
इसराइल के नेता भी तुर्की आकर उनसे मुलाक़ात करते थे.ओक्तार से मिलने वालों में इसराइल के संचार मंत्री अयूब कारा समेत प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू भी शामिल हैं.
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